Google की India News Summit 2025: AI से ट्रैफिक चुनौती

Indian publishers AI summaries से ट्रैफिक गवाँ रहे हैं; Google इसको लेकर समिट का आयोजन कर रहा है।

Google अपनी India News Summit 2025 का आयोजन 8 अगस्त को बेंगलुरु में अपने Ananta Office में करेगा। यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि Indian publishers Google की AI Overviews फीचर के कारण रिफ़रल ट्रैफिक में भारी गिरावट की रिपोर्ट कर रहे हैं।

चौथे संस्करण का थीम “Bridging the Gap” है। कई प्रकाशकों के लिए, यह अंतर खोई हुई दृश्यता और राजस्व को दर्शाता है। AI-जनित सारांश मूल सामग्री से क्लिक्स को हटाते हैं।

इसका महत्व अब क्यों है

AI Overviews 2025 के शुरुआत में भारत में लॉन्च हुआ। यह फीचर कई स्रोतों से कंटेंट खींचकर तुरंत जवाब देता है। यूज़र्स को मूल आर्टिकल पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती।

यह बदलाव पारंपरिक न्यूज बिजनेस मॉडल्स के लिए खतरा पैदा करता है। Indian publishers विज्ञापन राजस्व और दर्शकों की व्यस्तता के लिए वेब ट्रैफिक पर निर्भर करते हैं। जब AI सारांश क्लिक-थ्रू्स की जगह लेते हैं, तो राजस्व स्रोत प्रभावित होते हैं।

Indian बिजनेस लीडर्स के लिए, यह एक व्यापक प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करता है। AI यह तय कर रहा है कि उपभोक्ता जानकारी कैसे खोजते और उपभोग करते हैं। कंपनियों को अपनी कंटेंट और मार्केटिंग रणनीतियों के अनुरूप बदलाव करने होंगे।

भारत में बाज़ारी असर

समिट में पहली बार पांच भारतीय भाषाओं में सत्र शामिल होंगे, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और डिजिटल-नेटीव न्यूज़रूम्स तक पहुंच बढ़ाना है। इस हाइब्रिड फॉर्मेट का लक्ष्य भारत भर के राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और डिजिटल-नेटीव न्यूज़रूम्स को शामिल करना है।

Google का कहना है कि घटना में न्यूज़रूम्स में AI के भूमिका और युवा उपभोक्ताओं तक पहुंचने की रणनीतियों को खोजा जाएगा। हालांकि, प्रकाशकों के सामने स्थिरता और श्रेय के तुरंत चिंताएं हैं।

Google News Initiative ने 2021 में India News Summit लॉन्च की थी। पिछली कड़ियाँ डिजिटल ट्रांज़िशन, राजस्व विविधीकरण, और तथ्य-जांच पर केंद्रित थीं। इस वर्ष की घटना AI के प्रभाव पर अभूतपूर्व जांच करती है।

प्रकाशकों के लिए रणनीतिक चुनौतियाँ

AI Overviews अक्सर स्पष्ट श्रेय देने में विफल होते हैं या स्रोत लिंक को छिपा देते हैं, जिससे प्रकाशकों की दृश्यता और श्रेय प्रभावित होता है। प्रकाशक ट्रैफिक और अपनी सामग्री के लिए उचित श्रेय दोनों खो देते हैं। यह उपयोगकर्ता अनुभव और कंटेंट क्रिएटर स्थिरता के बीच एक मूलभूत तनाव पैदा करता है।

जनरेटिव AI कई स्रोतों को समझकर व्यापक उत्तर तैयार करता है। जबकि उपयोगकर्ताओं को त्वरित जानकारी पहुंच मिलती है, मूल सामग्री निर्माताओं को उनके निवेश पर घटते प्रतिफल दिखाई देते हैं।

यह फीचर विशेष रूप से न्यूज डिस्कवरी को बाधित करता है: पारंपरिक सर्च रिजल्ट्स उपयोगकर्ताओं को पूरे आर्टिकल्स की ओर निर्देशित करते थे, लेकिन अब AI सारांश सीधे उत्तर देते हैं, क्लिक करने की आवश्यकता को कम कर देते हैं।

बिज़नेस लीडर्स को क्या जानना चाहिए

यह समिट कंटेंट उपभोग और डिजिटल मार्केटिंग में व्यापक परिवर्तन को प्रतिबिंबित करता है। Indian व्यवसायों को समझना होगा कि AI उनके अपने कंटेंट की दृश्यता और ग्राहक अधिग्रहण को कैसे प्रभावित करता है।

ऑर्गेनिक सर्च ट्रैफिक पर निर्भर कंपनियाँ समान चुनौतियों का सामना कर रही हैं। AI-जनित सारांश ग्राहकों के प्रश्नों का जवाब दे सकते हैं बिना व्यापारिक वेबसाइट्स पर ट्रैफिक बनाए।

क्रिएटर इकोनॉमी का विस्तार जारी है जबकि न्यूज़रूम्स को अपनी कंटेंट रणनीतियों पर फिर से विचार करने का दबाव है। व्यवसायों को AI नवाचार और स्थायी कंटेंट इकोसिस्टम के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है।

उद्योग के लिए मुख्य प्रश्न

प्रकाशक की चिंताएँ यह केंद्रित हैं कि क्या Google नए राजस्व-साझाकरण मॉडल или खोए हुए ट्रैफिक को बहाल करने हेतु तरीकों पर विचार करेगा। समिट खोए ट्रैफिक को बहाल करने या नए मानेटाइजेशन दृष्टिकोण पेश करने के तंत्र स्पष्ट कर सकता है।

Google को अपनी AI प्रगति को स्वस्थ न्यूज़ इकोसिस्टम बनाए रखने के साथ संगत करना होगा। प्रकाशकों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उत्पादन जारी रखने के लिए स्थायी मॉडल की जरूरत है।

प्लेटफॉर्म के एल्गोरिदम में बदलाव का व्यवसायों द्वारा अपने दर्शकों तक कैसे पहुंचने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। कंपनियों का इन वितरण चेनलों पर सीमित नियंत्रण होता है।

आगे की राह

India News Summit 2025 डिजिटल कंटेंट के लिए निर्णायक समय पर हो रही है। प्रकाशक, विज्ञापनदाता और व्यवसाय सभी यह अनिश्चितता महसूस कर रहे हैं कि AI का दीर्घकालिक प्रभाव कंटेंट डिस्कवरी पर क्या होगा।

Indian बिजनेस लीडर्स के लिए, इन विकासों की निगरानी करना आवश्यक है। कैसे उपभोक्ता जानकारी प्राप्त करते हैं, इसमें परिवर्तन सीधे मार्केटिंग की प्रभावशीलता और ग्राहक व्यस्तता रणनीतियों को प्रभावित करता है।

समिट का परिणाम भारत के न्यूज मीडिया की दिशा को वर्षों तक प्रभावित कर सकता है। व्यापारिक फ़ैसला-निर्माताओं को डिजिटल कंटेंट उपभोग पैटर्न्स में चल रहे विकास के लिए तैयार रहना चाहिए।

इस वर्ष की घटना संभवतः सबसे अधिक विश्लेषित समिट होगी। उद्योग हितधारक यह जानना चाहेंगे कि कैसे नवाचार को पारंपरिक पत्रकारिता मूल्यों और स्थायी व्यवसाय मॉडल्स के साथ संतुलित किया जाए।

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