भारत अपनी कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमताओं को ChatGPT के मुकाबले बेहतर बना सकता है। Microsoft India के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी ने बेंगलुरु में ET Soonicorns शिखर सम्मेलन 2025 में यह महत्वपूर्ण बात साझा की। उनका कहना है कि मजबूत AI इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यापक टूलचेन के विकास में ही सफलता छुपी है।
Microsoft के सीटीओ ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की अनूठी स्थिति को लेकर आशा व्यक्त की। “भारत के पास प्रतिभा और नवाचार की ऐसी क्षमता है, जो हमारी सांस्कृतिक समझ के आधार पर प्रभावी AI उपकरण बना सकती है,” उन्होंने सम्मेलन के दौरान कहा।
भारत के तेजी से बढ़ते AI बाजार के आंकड़े इस महत्वाकांक्षा को मजबूत आधार प्रदान करते हैं। Statista की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में बाजार का आकार 244.22 अरब अमेरिकी डॉलर (₹20,59,656 करोड़) तक पहुंच जाएगा। 2031 तक वार्षिक वृद्धि दर 26.60% बनी रहेगी, जिससे भारत 1.01 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (₹85,24,400 करोड़) के विशाल बाजार तक पहुंचेगा।
सरकारी समर्थन से मिल रहा बड़ा फायदा
सरकारी समर्थन ने भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता को काफी मजबूत बनाया है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लागत में मिलने वाले फायदों की घोषणा की है, जो अपनाने की दरों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। भारत के AI मॉडल की गणना लागत सरकारी अनुदान के बाद 100 रुपये प्रति घंटे से भी कम होगी। वैश्विक मॉडल का वर्तमान उपयोग लगभग 2.5-3 डॉलर प्रति घंटे (₹211-253 प्रति घंटे) है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में किए गए निवेश AI नेतृत्व की दिशा में गंभीरता दिखाते हैं। मूल योजना 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स की थी, लेकिन भारत ने 18,693 GPUs हासिल कर लिए हैं। इनमें 12,896 Nvidia H100s और 1,480 Nvidia H200s जैसी उन्नत यूनिट्स शामिल हैं।
डॉ. विष्णु वर्धन, Hanooman.ai के सह-संस्थापक और सीईओ, ने स्थानीयकरण की रणनीतियों पर रोशनी डाली। “हमारा लक्ष्य भारतीय जरूरतों के अनुकूल व्यापक AI समाधान विकसित करना है,” डॉ. वर्धन ने औद्योगिक चर्चा के दौरान बताया। यह दृष्टिकोण विशिष्ट जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक चुनौतियों का समाधान करता है।
बाजार में तेजी से बदलती गतिशीलता
उद्योग जगत के नेताओं ने भारत की रणनीतिक स्थिति के फायदों को उजागर किया है। Sandeep Alur, Microsoft Innovation Hub के CTO, ने अन्य प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा की। उनकी राय इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों और नवाचार के रास्तों को आकार देने में सहायक है।
आधारभूत मॉडलों का स्थानीय संस्कृतियों और भाषाओं के अनुरूप होना जरूरी है। इससे भारतीय कंपनियों को घरेलू बाजार में प्रभावी तरीके से आगे बढ़ने का मौका मिलता है। स्थानीय क्षमताओं का विकास करने वाली कंपनियां घरेलू और वैश्विक दोनों स्तरों पर मजबूत प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं।
वैश्विक AI दौड़ में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। हाल ही में DeepSeek ने अमेरिकी Apple App Store पर सबसे ज्यादा रेटेड मुफ्त ऐप के रूप में ChatGPT को पीछे छोड़ दिया है। यह विकास दिखाता है कि AI सेक्टर में बाजार की स्थिति कितनी तेजी से बदल सकती है।
व्यापारिक नेताओं के लिए मार्गदर्शन
व्यापारिक नेताओं को इंफ्रास्ट्रक्चर की उन्नति और सरकारी सहायता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भारतीय AI बाजार तीव्र विकास की संभावनाओं को अपना रहा है, जो प्रतिस्पर्धी मा